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उन्होंने कहा बङे कवि बनते हो
कविता रचकर दिखाओ " बहुत है ठंडा " कहकर,
maine सुनाया panditji कविता यह है बङा आसान
प्रस्तुत है श्रीमान,सुनिए-
😇 बहुत है ठंडा बोला panda
आओ चेला जलाते हैं चूल्हा
पकाते है अंडा,तोङते है हर रस्म
अंडा के सिरा(झोर) में
करते हैं अपनी पंडिताई
को भस्म,😉
तक धिना धिन धा
वाह वाह वाह वाह।।😁
✍रा.जि.कुमार
सासाराम।
”