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आप चाहत,आप...

आप चाहत,आप राहत आप हसरत,हर लालसा आप, बस चुप से हो मग्न सजन सुनो न कहता है जो मेरा मन आप हो तो आँगन में मन्नत आप हो तो आँगन में जन्नत। ✍️राजीव जिया कुमार सासाराम,रोहतास,बिहार।

By Rajiv Jiya Kumar
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