STORYMIRROR

तू मूझे...

तू मूझे संभालता है ये तेरा उपकार है मेरे दाता वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी हस्ती कहाँ रोज गलती करता हूँ तू छुपाता है अपनी बरकत से मै मजबूर अपनी आदत से तू मशहूर अपनी रहमत से तू वैसा ही है जैसा मैं चाहता हूँ बस.. मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहता है।

By Chitralekha
 510


More hindi quote from Chitralekha
12 Likes   0 Comments
13 Likes   0 Comments
29 Likes   0 Comments
30 Likes   0 Comments
14 Likes   0 Comments