STORYMIRROR

तुम क्या गए...

तुम क्या गए कि रुठ गए दिन बहार के अब दिल ना लागे बीन तुम्हारे प्यार के जैसे लगता अब हर एक दिन है पहाड़ से ये दिन लगे मोरा जियरा में जंजाल से क्यू अपनी प्रेयसी को छोड़ गए तुम यूं मझदार में हम हरपल तड़पते रोते रहे जानम तेरे इंतजार में

By राजेश "बनारसी बाबू"
 313


More hindi quote from राजेश "बनारसी बाबू"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments