“
तुम इडलाओ तुम लाहराओ तुम सूरज की किरणो जैसी पूरी दुनियाँ को विजय सबेरा एहसास कराओ,
तुम शक्ति हों बहुत महान् जो औरो के बेटों (आपका पति) को भी बना रही बलवान फिर खुद को क्यों कमजोर दिखाओ,
तुम नारी हो अब विजय पताका अपना लहरों खुद पर खुद का प्यार लुटाओ किसी और पर मत निर्भर हो जाओ!
”