“
तेरी रूह के साए में, कुछ देर ठहर जाने दे।
यूं खफा न हो, कुछ देर थम जाने दे।
अभी तो शुरू हुई है ये जिंदगी।
आहिस्ता आहिस्ता ही सही, गुजर जाने दे।
ये लम्हे कुछ देर ही तो खुशनुमा हैं।
इन्हें जी भर के जी जाने दे।
सफर बाकी है अभी, दूर तक जायेगा।
चले जाना,मंजिल का पता तो मिल जाने दे।
तेरे साए में सुकून का एक लम्हा भी काफी है।
यूं खुद को काफ़िर मत हो जाने दे।
तेरी रूह के साए में, कुछ देर ठहर जाने दे।
नूतन
”