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तेरी बिखरी...

तेरी बिखरी हुई जुल्फे देख के मन बहक जाता है पास आओ जरा लव कुछ कह जाता है, तबस्सुम आईना देखता हूँ तो तू नजर आता है, कैकसा ये नज़रों की गलती थी? या कुछ गलत हो गया हमसे ? जहा देखों बस तू नजर आता है

By राजेश "बनारसी बाबू"
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