“
सुना है सुबह के सपने सच होते हैं
सोते सोते इसलिए प्रभात करनी है
बंद आंखों से अंतिम मुलाकात के
अंत को ही शुरुआत करनी है
तुम सच को हमारे सपना कर जाना
मुझे सपनों में मुलाकात करनी है
और ...फिर मुलाकात अधूरी छोड़ जाना
जब मैं कहूं... तुमसे कुछ बात करनी है !!!
- हर्ष सिंगला
”