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सतत रूप से...
सतत रूप से...
सतत रूप से...
“
सतत रूप से अभ्यास और व्यायाम,
हमारी जिंदगी को देता नव आयाम
करते रहो रोज व्यायाम का अभ्यास,
शरीर आती रहेगी तुम्हारे नई जान
दिल से विजय
”
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