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*समर्पण की...

*समर्पण की बेला आई है, रण में बजी शहनाई है।, पहन के मौत का चोला दुश्मन से, परचम हमने लहराई है। राजेश सिंह (बनारसी बाबू)**

By राजेश "बनारसी बाबू"
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