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*समर्पण...
*समर्पण की बेला...
*समर्पण की...
“
*समर्पण की बेला आई है,
रण में बजी शहनाई है।,
पहन के मौत का चोला दुश्मन से,
परचम हमने लहराई है।
राजेश सिंह (बनारसी बाबू)**
”
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