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शब्दों से सबल मिलें।
शब्दों से होता बवाल।
शुद्ध शब्द मन खुश करें।
अपशब्द मन में घाव करें गंभीर।
शब्द जुबां सम्भाल के बोलिए।
आही श्री गुरू जाम्भोजी कि मोटी सिख।।
पाणीं बांणी ईधनी दुध ने इतना लिजे छांण।
क्षमा दया हिरदै धरो गुरू बतायो जाण।
गुरू जाम्भोजी शब्दवाणी साभार।
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