“
सबसे पहले पूजा करते कहते श्री गणेश हैं
रूप है इनका बड़ा निराला गणपति बप्पा बड़ा प्यारा
सुख मिलता , समृधि मिलती, मिलती ख़ुशी अपार है
दिल से जो भी मांगों सब है मिलता , खुला इनका दरबार है
जय बोलो जय बोलो सब मिलकर जय बोलो
विघ्नहर्ता मंगलकर्ता आए श्री गणेश हैं
”