सागर के...

सागर के मोती, सूरज के ज्योति, समय की गति, ना होता है सस्ती !! पुराणों की नीति, मानव से प्रीति ईमान की वृत्ति, देता हमें शांति !! कपट से सृष्टि, स्वार्थ का कीर्ति, लोभ की मूर्ति, ए विनाश होती || (रिंकू 💕 प्रिय)

By Priyabrata Mohanty
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