रात सितारे...

रात सितारे और मैं तन्हाई के साथी तारे और मैं, जब रात का अफ़साना शुरू होता है तब हमारा फ़साना शुरू होता है, तारो से जब मैं बातें करती हूँ कभी कभी अपनी परछाई से भी डरती हूँ, डर सिमट कर जब बैठती हूँ तब ये मुझे बहलाते है खुश होकर ये टिमटिमाते है,

By Meher Jahan Khan
 277


More hindi quote from Meher Jahan Khan
28 Likes   0 Comments