“
राजनीतिऔर सामाजिक
दोनोंअलगअलग हैं।
दोनों के सिद्धांतों में जमीन आसमान का फर्क हैं।
सामाजिक शुद्धधार्मिक
लोगों के लिए राजनीति अच्छी नहीं हैं।
कयोंकि राजनीति मेंं साम दाम दंड भेद कैसे ही करके जीत जरूरी हैं।
जो जीता वहीं सिकंदर हैं।
धार्मिक सिद्धांत कोई मायने नहीं रखते हैं।
”