“
पूँजीवादी युग मे देखो कीमत पैसा।
पैसा खातिर देखो लोग उड़ाते पैसा।।
करते कैसी मदद उधारी दे दो पैसा।
वापस लेते व्याज बनाकर के दस पैसा।।
मिले मुफ्त मे हवा और पानी धरती पर।
कमा रहे कुछ लोग हवा पानी का पैसा।।
कभी आदमी जान दे रहा पैसा खातिर
जान बचाने कभी खपा देता है पैसा।।
दो पैसे को जान ले रहे चोर उचक्के
सस्ती हुई है जान जरुरी देखो पैसा।।
”