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प्रकृति......

प्रकृति... ! प्र... प्राप्त किया कृ... कृतज्ञता व्यक्त किये ति... पुनः तिरस्कार कर दिया..! जी हाँ.. यही तो करते हैं हम प्रकृति से जो कुछ भी पाते है उसके लिए प्रकृति के कृतज्ञ होते हुए भी हम कदम कदम पर तिरस्कार ही करते हैं उसका। Aishani

By Aishani Aishani
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