मैं शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' अब ऐशानि के नाम से लिखती हूँ। मैं वराणसी से हूँ, एक गृहिणी हूँ, साधारण में भी असाधारण हूँ, विद्रोही तो नहीं किन्तु हर पल स्वयं से इक विद्रोह करती रहती हूँ। कुछ है जिसकी तलाश जारी है, क्या है स्वयं से ही पूछती हूँ! मैं ख़ुद के बारे में इतना ही कहूँगी कि... नदी हूँ,... Read more
Share with friendsचिंता और चिंतन में बहुत फ़र्क होता है. चिंता से व्यक्ति कमज़ोर होता है, वहीं चिंतन से आत्मविश्वास बढ़ता है. चिंता भटकाव है, वहीं चिंतन रास्ता है. चिंता से मन खोखला हो जाता है, वहीं चिंतन से जीवन व्यवस्थित होता है।
मनुष्य का जीवन समस्याओं से भरा है। यदि इन समस्याओं का हल निकालना है तो मनुष्य को चिंतन करना पड़ेगा। Aishani🩷🩷
व्यक्ति जितना अधिक चिंतन करता है उसके व्यक्तित्व में उतना ही प्रभाव आता है एवं लोग उसे सुनते हैं तथा उसका अनुसरण करते हैं..। Aishani🩷🩷