Aishani Aishani
Literary General
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मैं शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' अब ऐशानि के नाम से लिखती हूँ। मैं वराणसी से हूँ, एक गृहिणी हूँ, साधारण में भी असाधारण हूँ, विद्रोही तो नहीं किन्तु हर पल स्वयं से इक विद्रोह करती रहती हूँ। कुछ है जिसकी तलाश जारी है, क्या है स्वयं से ही पूछती हूँ! मैं ख़ुद के बारे में इतना ही कहूँगी कि... नदी हूँ,... Read more

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सच रिश्तों में भी रंग होता है रंग की पसंद-नापसंद बताता तुम किस रिश्ते में ख़ुश हो..! Aishani ❤️ ❤️

बहुत रंग बिखेर रखा है जीवन में पर..! जो दिल को भाये वो रंग ना भर पाये। Aishani ❤️ ❤️

हजारो रंग कौन सा रंग चुनोगे खुशहाली का चलो तुम सब रंग चुन लो मुझे श्याम रंग दे। Aishani ❤️ ❤️

कहते हैं प्रीत का रंग लाल होता है पर..! मेरे सांवरिया का रंग तो कुछ और है..! Aishani ❤️ ❤️

कौन सा रंग तुझ पे डालूँ कान्हा हर रंग तुझसे है हर रंग में तू ही। Aishani ❤️ ❤️

चिंता और चिंतन में बहुत फ़र्क होता है. चिंता से व्यक्ति कमज़ोर होता है, वहीं चिंतन से आत्मविश्वास बढ़ता है. चिंता भटकाव है, वहीं चिंतन रास्ता है. चिंता से मन खोखला हो जाता है, वहीं चिंतन से जीवन व्यवस्थित होता है।

मनुष्य का जीवन समस्याओं से भरा है। यदि इन समस्याओं का हल निकालना है तो मनुष्य को चिंतन करना पड़ेगा। Aishani🩷🩷

व्यक्ति जितना अधिक चिंतन करता है उसके व्यक्तित्व में उतना ही प्रभाव आता है एवं लोग उसे सुनते हैं तथा उसका अनुसरण करते हैं..। Aishani🩷🩷

व्यक्ति जितना अधिक चिंतन करता है उसके व्यक्तित्व में उतना ही प्रभाव आता है एवं लोग उसे सुनते हैं तथा उसका अनुसरण करते हैं..। Aishani🩷🩷


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