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प्रेम की...

प्रेम की परिभाषा ; प्रेम एक अपरिभाषित आवश्यकता हैं, जिसके बिना मानव और मानवता दोनों का हीं कोई अर्थ नहीं हैं:- साहित्यकार सिब्बू

By सिब्बु सरकार साहित्यकार
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