STORYMIRROR

पगड़ी पैरों...

पगड़ी पैरों में रखता हूंँ साहब, बाप हूंँ बेटी के लिए सब सहता हूंँ। मजदूर हूँ मजबूर नहीं उसकी, खुशी के लिए मरता हूँ।

By राजेश "बनारसी बाबू"
 314


More hindi quote from राजेश "बनारसी बाबू"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments