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नींद नहीं...

नींद नहीं है नैनों में जाने क्यों सपने छल जाते हैं, इन पलकों में बसने वाले जाने कहाँ छिप जाते हैं, कई बार तो मन के सपनें आते-आते ही रह जाते हैं, इन नयनों में बसने वाले जाने हमें क्यों तड़पाते हैं!

By सोनी गुप्ता
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