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मुझे मालूम...

मुझे मालूम हुआ है ये सारे गम मुझ से चिढ़ कर बैठे है इसलिए लिए मन की प्रसन्नता को घर के पहरे पर और मुस्कुराहट को होठों पर बिठाकर रखा है 💯 ✍️ Sakshi Raghav

By Thakur Sakshi Raghav
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