जो किताबों से प्रेम करते हैं
वो मिलते रहा करें मुझे से
जो सुकून तलाश रही हूं मैं
वो मिल थोड़ा सा आप की बातों में
किताबों की चर्चा में मुझे
✍️ साक्षी राघव
उसको मुझ से कुछ कहना था,मुझे उससे बहुत कुछ कहना था
उसका कुछ सुनने के बाद , मैं उससे कुछ भी ना सकेगी
✍️ साक्षी राघव
कमवख्त ये आंसू भी बेवफा निकले ताउम्र रहे मेरी आंखों में पर उस नाम सुनते ही निकल पड़े
✍️ ठाकुर साक्षी राघव
सुना है वो शहर गये है गांव का नाम रोशन करने
पर ये क्या शहर की चमक में गांव का नाम ही भूल गए
सुना है वो शहर गये है गांव का नाम रोशन करने
पर ये क्या शहर की चमक में गांव का नाम ही भूल गए
हैरान हूं मैं खुद को आईने में देखकर
अंदर से रो रही हूं और चेहरे से मुस्कुरा रही हूं
लोग चांद को पाने की ख्वाहिश रखते हैं
किसी ने अपनी जुल्फों में सूरज को समेट रखा है
ना खुश हूं ना उदास हूं
ना खाली हूं ना खमोश हूं
बस अपने सपने पलकों
पे बिठाये
किताबों में व्यस्त हूं
✍️ Sakshi Raghav 😊
कच्ची उम्र का तू पहला ख्बाव है मेरा
टूट जाने पर तेरे मैं भी बिखर जाऊंगी
और तेरे लिए किस हद से गुजरी हूं मैं
अगर ये जान ले तू तो तुझे भी
तेरी शर्तों में घुटन सी होने लगेगी
✍️ Sakshi Raghav