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मन्नत...
मन्नत के धागे...
मन्नत के...
“
मन्नत के धागे
वृक्षों पर कई बार बांधे,
मन्नत पूरी हुई या नहीं याद नहीं..
गए थे अधूरे आधे..
लेकिन लौटे
सकारात्मकता लिए,
मन को साधे।
निमिषा सिंघल
”
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