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मन और सोच...

मन और सोच अलग है ... तभी तो सच और झूठ मे फरक है । सोच और वास्तविकता अलग है ... तभी तो दु:ख और सुख है । वास्तविकता न मंजूर है ... तभी तो झगडे फसाद है ।

By Shweta Vikas Khoday
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