STORYMIRROR

मित्रता पर...

मित्रता पर सबको नाज़ हो, हम ऐसे बनें और बनाएं मित्र। स्वार्थ भाव से न कुछ भी नाता, स्नेह-और त्याग से हो भरा चरित्र। # गायत्री सिंह #

By Gayatri Singh
 48


More hindi quote from Gayatri Singh
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments