“
मेरी मां
! दुनिया के हर गम से हर पल मुझे बचाती है मां,
! जो ठोकर लग जाए तो ठोकर को भी चोट लगाती है मां ,
! हमारे गम में रोतीे हैं हमारी खुशियों में मुस्कुराती है मां,
! हमें दुनिया की बुरी नजर से बचाने को काला टीका बन जाती है मां।
या खुदा मेरी मां को दुनिया के हर गम से दूर रखना।
”