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मेरे...
मेरे अरमां मचलते...
मेरे अरमां...
“
मेरे अरमां मचलते जा रहे है
तुम बिन ये सावन डसे जा रहे है
अब तो करीब आओ मेरे साजन
तुम बिन हम तन्हा मरे जा रहे
अब तुम्हारे यादों में जिए जा रहे है
”
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