STORYMIRROR

मेरे अरमान...

मेरे अरमान बुझे से क्यों है आज शमशान सुने से क्यों है मेरी अर्थी को कंधा देने वाले आज तेरे कदम रुके से क्यों है

By राजेश "बनारसी बाबू"
 211


More hindi quote from राजेश "बनारसी बाबू"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments