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मैं मिट्टी...

मैं मिट्टी हूं, तुम्हारे प्रेम रूपी वृक्ष की जीवनदायिनी काल ने वृक्ष को स्वंय में समाहित कर लिया जड़ों को मेरे ह्रदय ने जकड़ लिया बेजान जड़ नित्य पल्लवित होती हैं नित नई कोपलें, पुष्प, मन को हर्षाती हैं सौंदर्य से पूर्ण.. श्वेत पुष्प सच्चें प्रेम का सार्थक अर्थ बताती हैं।। ©® अनामिका अनूप

By Anamika anoop Tiwari
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