STORYMIRROR
मात-पिता सा...
मात-पिता सा...
मात-पिता सा...
“
मात-पिता सा पृथ्वी का भी है कर्ज,
इस संवारकर निभाएं अपना फर्ज।
नियोजित ढंग से इसका करें श्रंगार,
प्रकृति अनुरूप सदा होवे व्यवहार।
# गायत्री सिंह #
”
173
More hindi quote from Gayatri Singh
Download StoryMirror App