STORYMIRROR

माफ़ी के...

माफ़ी के आंसू आज मुझे मित्र रामू की याद आ रही हैं। क्यों कि आज मैं अपनी बिटिया रानी को उसी बगीचे मैं घुमाने लाया जहां मेरी मुलाकात एक एसे शख्स के साथ हुईं थी जो हमेशा खुश मिजाज़ का था, पर आज पांच साल के बाद इसकी याद ने मुझे रात भर सोने नही दिया, बात यह थी की बगीचे में टहलते हुए उसने धीमें स्वर में कहा भाई साहब, क्या किसी को माफ़ करना गुनाह है, मैंने उसकी तरफ़ देखा और कहा की ये माफ़ी के आसूं हैं।

By K.R. Suryawanshi
 19


More hindi quote from K.R. Suryawanshi
0 Likes   0 Comments