“
माँ तुम मेरी बातें दोस्त की तरह सुन लेती हो ,
माँ तुम सहोदर की तरह मुझसे नाराज़ हो जाती हो ,
माँ तुम पापा की तरह सलाह दे देती हो ,
माँ तुम शिक्षक की तरह मुझे समझा देती हो ,
माँ तुम अकेले ही मेरे लिए सब कुछ हो जाती हो ,
लेकिन सब मिलकर भी तुम नहीं हो पाते हैं।
”