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माँ, खाने...

माँ, खाने की शौक़ीन है, पर हर रोज़ वो थाली में मेरे ही ज्यादा परोसती है, माँ तुम घड़ी नही पहनती, फिर भी तुम्हारे पास, हर किसी के लिए वक्त है, बस खुदके लिए ही वक्त नही। -Devanshi Prajapati

By Devanshi Prajapati
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