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क्या तुलना उस मां की सुरज- चांद - सितारों से
गंगा से ,जमुना से या नदियां हज़ारों से मां की ममता का कोई मोल नहीं,इस जैसा कोई और नहीं।
देती जन्म, शिक्षा, संस्कार, इन्सानियत का पाठ पढ़ाती मां ।
जीवन पथ पर आगे बढ़ना सीखाती मां ,
मेरी ताकत, मेरा साहस , मेरी मां ।
प्रेम बजाज
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