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कुछ हंस के...

कुछ हंस के यूं ही टाल दिया करो , कुछ बिखरता सा संभाल लिया करो । कितने ही रिश्ते टूट जाते हैं गुरूर में , उन गिरहों को ढूंढ कर निकाल दिया करो । आये हो जहान में चंद लम्हो के लिए । उन लम्हों को जीने का ख्याल किया करो, कुछ हंस के यूं ही टाल दिया करो ।।

By Goga K
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