“
करता हे बाते बड़ी बड़ी ...
फ़लक तक साथ चलने की ..
आँख से ओझल न होने की ..
हरदम साथ रहने की...
मीठा प्यार बरसाने की ...
आती बारी जब रोशनी सूरज की ..
हो जाता जैसे गायब ....
छोड़ मुझे अकेला....
भूल जाता फिर अपना वादा ..
किया जो रात साथ ..
सच ही तोह है ..
ये चाँद बड़ा बातूनी है ...
”