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कर लो जो मुहब्बत यहां इजहार मुसीबत
इश्क का रस्ता बड़ा कठिन यहां सहों हजार फजीहत
नींद चैन सब खो गया ठीक नहीं रहती अब तबियत
आइना अक्सर देखते फिरते है क्या से क्या हो गई सूरत
अब उनकी यादों में अक्सर खोए रहते हैं हम
पर उनको होती नहीं कभी हमारी हसरत
कैसे हम इजहार करे कैसे हम उनसे आंखे चार करे
सच में यारो इश्क में उठानी पड़ती है बड़ी जहमत
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