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कॉरोना की...

कॉरोना की हसरत हसरत थी कॉरोना की सारी कायनात को अपने आगोश में लेने की बचे हैं वह लोग जिनमें हुनर है उससे दूर रहने का । ढूंढ रहा है ये कातिल उनको, जो उससे बचे हुए हैं अब तक । ऐसे अफलातून माहौल में महफूज़ हैं वह बंदे जो बंद हैं अपने घरों में क्यो की ये काफिर ऐसे घरों में घुसने की गुस्ताखी नहीं करता ।

By Yogeshwar Dayal Mathur
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