“
खाली पन्नों सा समय जो मिला है,
इनमें थोड़ा सुकून भर लो,
इक नया जुनून भरलो,
खुद को नई दिशा में ढाल लो,
पर अपने जज्बातों को संभालो,
क्यूंकि क़लम का जब फ्लो होता हैं,
समय पर ना ज़ोर होता है...
मिला जो समय यु बर्बाद ना कर डालो...
और फितूर जो चढ़ा हैं लिखने का,
इसे अभी और निहारो...
ताकि ख़ाली पनों सी किताब को,
अपने रंगो से भर डालो...!!
”