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कदम सँभाल के रखना तू ,जिंदगी की हर पायदान पर
शब्द कमाल के सिखना तू ,लफ्जों के हर इस्तेमाल पर
खबर उस रब की रखना तू ,ये स्वार्थ का संसार छोडकर
चाहत चिरागो की बनना तू ,अहम का अंधकार त्यागकर
सब्र किसान जैसा रखना तू ,नील गगन को देख देख कर
जब्र जवान जैसा रखना तू ,शानेवतन को ताक में रखकर
”