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कभी चुप से...

कभी चुप से तो,कभी बोलकर, कभी प्रेम से तो,कभी हंसी घोलकर, उन्हें खुश देख,खुश हुआ करती हूं, हर दिन एक चुनौती से, जीत की शुरुआत करती हुं, "धराविरल'

By Dhara Viral
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