STORYMIRROR
जो...
जो स्वयं दोषी...
जो स्वयं...
“
जो स्वयं दोषी होकर भी निर्दोष आत्मीय जनों को कुपित करता हैं, वह सर्पयुक्त घर में रहने वाले की भाँति रात में सुख से सो नही सकता |
प्रभात
”
167
More hindi quote from प्रभात मिश्र
Download StoryMirror App