“
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
ग़मों को दिल में कभी न पलने दिया।
हर मोड़ पर नया हौसला चुन लिया,
जख़्मों को भी अपना गुरुर बन लिया;
ज़िंदगी है सफ़र तो मुस्कुरा कर जियो,
गिरकर भी खुद को सँभाल कर जियो।
”