"कायस्थ हूं कलम चलाती हूँ,अपनी कलम से लोगो का समय चुराती हूं" blogger| content creator| quotes| poetry| vlogger | youtuber
Share with friendsजिंदगी भी कितनी खास है एक दूजे के कितने पास है दो पटरियों पर रेस लगाने वाली रूह और जिस्म हर दौर को पार करती है !
इतेफाक से मिलना था इतेफाक से जुड़ना था कमबख्त, ये इतेफाक की यारी भी कमाल की है जनाब जहां इतेफाक से ही बिछुड़ना था!