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जिंदगी में कम से कम इतने बड़े तो जरूर बनिये ,,,,,,,,,,
कि आपका सादगी - शराफत और विनम्रता से रहना ,,,,,,,,,, आपके संस्कार लगें ,,,, मजबूरी नहीं ।।।।।।
आपका जमीन पर बैठना , जमीन से जुड़े रहना ,,,,,, आपकी ऊँचाई लगे ,,,,,, गरीबी नहीं ।।।।।।
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो ।।।।।।
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