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जगत में हर...

जगत में हर असंभव को हम श्रम से सुखद -संभव और सुमधुर बना दें। सघन और स्याह रातों से लड़कर के नूतन और स्वर्णिम सुप्रभात बना दें। # गायत्री सिंह #

By Gayatri Singh
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