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"ज़िवन...
"ज़िवन की बसंत...
"ज़िवन की...
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"ज़िवन की बसंत आई निराली,
विरहका अब अंत लाई,
प्रेमी युगलोके दिलमें" मुरली"
आनंद और उमंग लाई।"
-धनजीभाई गढीया"मुरली"
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