STORYMIRROR

इत्तेफाक...

इत्तेफाक ही तो है खुदारा,और क्या है बच्ची की सिसकियां चल रहीं और मानवता क्या है। बच्ची से बलात्कार होता रहा सरे राह लोग बोलते रहे छोड़ो कौन मुसीबत ले अपना क्या है रात भर बच्ची तड़पती मर गई और यहां रहमत क्या है

By राजेश "बनारसी बाबू"
 235


More hindi quote from राजेश "बनारसी बाबू"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments