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इंसान इस यथार्थ को ठुकराता हैं की देनेवाला , लेनेवाला और छिंननेवाला वह खुदा है....!! हां रूप भलेही अलग अलग हो पर हर रुह आखीर उसिका अंश है...वही राम है जो फुल खिलाता हैं..!! वही रहीम हैं जो पहाड हिलाता हैं..!! वही येशू हैं जो सब मे बसता है और यह वही गौतम है जो संसार को ज्ञान सिखाता हैं...!!
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